कंप्यूटरीकृत, कागज़ रहित पृष्ठभूमि
कल्पना करें, आप किसी कार्यालय में घुसें और दरवाज़े पर कोई दरवान न हो परंतु दरवाज़ा खुल जाता हो, आप मेटल डिटेक्टर गेट से पार होकर आगे बढ़ते हैं तो हॉल में एक व्यक्ति अपने लैपटॉप या डेस्कटॉप के साथ बैठा हो, उसके टेबल पर मॉनीटर के सिवाय और कुछ नहीं नज़र आता हो, आपसे आपके बारे में जानकारी प्राप्त करके अपने डेस्कटॉप में कुछ प्रविष्ट करे, आपको एक टोकन समान विज़िटर पास देकर आपको बता दे कि आप अमुक मंज़िल पर अमुक केबिन में जाएं। केबिन में बैठा व्यक्ति आपको देखते ही आपको आपके नाम से संबोधित करे तो आपको हैरानी के साथ अच्छा भी लगेगा कि मेरी पहचान है। कुछ साल पहले ऐसा संभव नहीं था और बहुत कम लोगों ने कल्पना की होगी कि ऐसा भी हो सकता है। परंतु आज वह सब संभव हो गया है जिसे आप कल्पना कहते थे।
जब रिसेप्शनिस्ट से स्वागत काउंटर पर मिले तो उसने आपके विवरण आपसे पूछकर कंप्यूटर में प्रविष्ट किया और उसके कंप्यूटर में लगे कैमरा द्वारा आपकी छबि उसमें कैद हो गई और वह छबि आपके विवरण समेत, केबिन में बैठे अधिकारी के पास पहुंच गई। न किसी संदेशवाहक व्यक्ति की ज़रूरत पड़ी और कोई समय लगा और वांछित जानकारी बिना समय के व्यपगमन के उपलब्ध हो गई।
अब आप कल्पना करें कि इसी प्रकार किसी कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से गए बिना, कंप्यूटर के माध्यम से जानकारी प्रस्तुत की जाए और वह कार्यालय नियत समय में उस पर कार्रवाई करके आपको सूचित कर दे तो कितने समय, धन व श्रम की बचत होगी तथा काम में देरी न होगी। यह सब संभव है। अब यह कल्पना की बात नहीं रह गई है।
सन् 1970 के दशक में इस हक़ीक़त की शुरुआत हुई जब हॉलीवुड की फ़िल्मी हस्तियों या विकसित देशों के शीर्षस्त राजनीतिज्ञों/अधिकारियों के पास इलेक्ट्रॉनिक नोटबुक होती थी जो उनके निजी सचिवों के पास होता था जिसमें उनके कई महीने/सालों के कार्यों की अनुसूची बनी होती थी।
आज पेपरलेस कार्यालय बनाने का प्रचलन बढ़ रहा है। हर कार्यालय पेपरलेस की ओर बढ़ने के लिए प्रयासरत है जिसमें सभी काम इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किया जाता है। बड़े संगठनों ने इसे अपनाना शुरू कर दिया है और इसका बड़ा फ़ायदा उठा रहे हैं। परंतु फिर भी हम अभी ऐसे माहौल में हैं जहॉं यह गंभीरता से चिंतन का विषय है वहीं हमारी मानसिकता ऐसी है कि हम हर बात के लिए दस्तावेज़ी प्रमाण के आदती हैं। ऐसे में पूर्ण पेपरलेस कार्यालय की अवधारणा को फलीभूत होने में समय लगेगा। लेकिन आंशिक रूप से पेपरलेस कार्यालय देखे जा सकते हैं। दर असल हम पेपरलेस कार्यालय की ओर बढ़ रहे हैं।
पेपरलेस कार्यालय में, कार्यालय के समान्य कार्यों से भिन्न कोई दूसरा काम नहीं होता है बल्कि वहां वही सारे काम होते हैं जो उस कार्यालय के सामान्य कार्य होते हैं। फ़र्क सिर्फ़ इतना होता है कि उन कार्यों में कागज़ का इस्तेमाल शून्य या नगण्य हो जाता है। इसमें यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि ग्राहकों को समय पर सेवा उपलब्ध कराई जाए और उसकी सक्षम मॉनिटरिंग की प्रणाली भी बनाई जाए। इसमें यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, फ़ोन कॉन्फ़्रेंसिंग आदि की व्यवस्था बनाई जाए तथा उनके द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी विशेष समय में अधिक से अधिक आउटपुट लिया जा सके।
पेपरलेस कार्यालय ' की संकल्पना
'पेपरलेस कार्यालय ' की संकल्पना, जनता में लोकप्रिय किसी व्यक्ति, विशेष रूप से फ़िल्मी कलाकारों, लेखकों, व्यापार से जुड़े प्रतिष्ठित व्यक्तियों, के प्रचार सचिवों (पब्लिशिस्ट) द्वारा दिए गए नारे के रूप में प्रचलन में आई थी। इसका उद्देश्य, भविष्य में कार्यालय का कैसा स्वरूप होगा उसकी रूप रेखा देना था। इसकी मूल भावना यह थी कि कार्यालय के कामों को इस ढंग से मशीनीकृत किया जाए कि नेमी किस्म के दैनिक कार्यों, जैसे, रिकार्डकीपिंग व बुककीपिंग, में कागज़ का उपयोग समाप्त करके कंप्यूटर की हार्ड डिस्क में ही जानकारी व डॉक्यूमेंट सुरक्षित रखने की व्यवस्था हो। यह विचार उस समय प्रचलित हुआ जबकि पर्सनल कंप्यूटर का प्रचलन हुआ। उस समय यह पूर्वानुमान (prescient) लगाया गया था कि अगले कुछ सालों में हर डेस्क पर कंप्यूटर होंगे। परंतु पेपरलेस कार्यालय की भविष्यवाणी (prophetic) उतनी मुखर नहीं थी। लेकिन वर्ड प्रोसेसरों के विकास व लेखन कार्य की सुगमता के कारण आसानी से डॉक्यूमेंट तैयार करने की सुविधा, उन्नत किस्म के प्रिंटरों के निर्माण और फ़ोटो कॉपियर मशीनों की सुलभता के कारण कार्यालयों में कागज़ की खपत बढ़ने लगी और मुद्रित काग़ज़ों का ढेर इकट्ठा होने लगा। अतः पेपरलेस कार्यालय की संकल्पना का प्रादुर्भाव हुआ। पेपरलेस कार्यालय के बारे में सबसे पहला लेख ''बिजनेस वीक'' में सन् 1975 में छपा था। उसके बाद अनेक लेख प्रकाशित हुए और आज इंटरनेट पर अनेक लेख और सॉल्यूशन उपलब्ध हैं।
पेपरलेस कार्यालय का मतलब
विकीपीडिया के अनुसार पेपरलेस कार्यालय को ''भविष्य के कार्यालय के स्वरूप'' के रूप में देखा जाना चाहिए। हर क्षेत्र में, विशेष रूप से कंप्यूटर के क्षेत्र में हो रही प्रगति के साथ ही जीवन के हर क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के उपयोग का प्रचलन बढ़ रहा है। आज हर कोई मोबाइल होना चाहता है और हर स्थान पर तुरंत जानकारी चाहता है। तो यह तभी संभव होगा जब हम हर जानकारी को कंप्यूटर पर या कंप्यूटर पर प्रोसेस किए जाने वाले फ़ॉर्मैट में उपलब्ध करा सकें। अतः सरल शब्दों में पेपरलेस कार्यालय का मतलब महत्वपूर्ण काग़ज़ी दस्तावेज़ को बिना काग़ज़ वाले रूप में बदलना और उसे कंप्यूटर में भंडारित करना तथा उसका प्रलेखीकरण (documentation) करना।
का़ग़ज़ों का ढेर व इससे जुड़ी समस्या
अब से 10 साल पहले तक पेपरलेस कार्यालय की अवधारणा का कोई उल्लेख नहीं होता था। हर प्रलेख को काग़ज़ पर लिखा जाता था और उसे फ़ाइल में नत्थी करके रखा जाता था। यही सबसे विश्वसनीय माध्यम माना जाता था। परंतु जैसे-जैसे समय बीत रहा है काग़ज़ों और फ़ाइलों का भंडार बढ़ता जा रहा है। आज उनकी संभाल करना व उनमें से संगत जानकारी आवश्यकतानुसार निकालना भी दुष्कर होता जा रहा है। ज़रूरत के समय पता चलता है कि रिकार्ड कीपर उपलब्ध नहीं है, फ़ाइल नहीं मिल रही है। दूसरी अहम समस्या है संवेदनशील जानकारी की गोपनीयता बनाए रखना। इन समस्याओं का हल पेपरलेस कार्यालय की संकल्पना में नज़र आता है।
पेपरलेस कार्यालय का परिणाम
- जानकारी को खोजना आसान
- सुरक्षा में वृद्धि
- संप्रेषण में सुधार
- लागत में किफ़ायत
- कीमती स्थान की बचत
- पर्यावरण की सुरक्षा
पेपरलेस कार्यालय बनाने के लिए वांछित बुनियादी ढाँचा
पेपरलेस कार्यालय प्रौद्योगिकी उन्मुख प्रक्रिया है। अतः इसके लिए कुछ बुनियादी ढॉचा तैयार करना होगा। उस बुनियादी ढाँचे में निम्नलिखित शामिल हैं -
Ø कम स्थान लेने वाले परंतु कंफ़र्टेबल वर्क स्टेशनों का निर्माण
Ø आवश्यकतानुसार और कॉम्पैटिबल कंप्यूटर
Ø आईआईएस के साथ विंडोज़ सक्षम सर्वर
Ø स्कैनर
Ø लोकल/लैन प्रिंटर
Ø विंडोज़ फ़ैक्स सॉफ़्टवेयर
Ø ईमेल सपोर्ट – एम पी ए आई, एम एस आउटलुक
Ø वेब
Ø प्रशिक्षित लैन एडमिनिसट्रेटर
Ø डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट और प्रोसेस अप्लिकेशन सॉफ़्टवेयर
Ø सीएटी5/सीएटी6 के साथ 10/100/1000 एमबीपीएस आउटपुट देने वाली स्ट्रक्चर्ड केबलिंग द्वारा लैन या वाई-फ़ाई लैन बनाना
Ø सभी अधिकारियों/कर्मचारियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था
प्रारंभिक कठिनाई
किसी भी संगठन में पूर्व स्थापित प्रणाली में परिवर्तन के प्रयास का विरोध लाजमी है क्योंकि मानव स्वाभावतः परिवर्तन का विरोधी रहा है और प्रकृति परिवर्तन चाहती है। विकास की धारा परिवर्तन की धुरी पर ही टिकी हुई है। किसी भी नई विचारधारा या नई प्रणाली को प्रचलन की प्रक्रिया के दौरान निम्नलिखित दस चरणों से गुज़रना ही पड़ता है –
- आवेशपूर्ण तिरस्कार (indignant rejection)
- तर्कपूर्ण आपत्ति (reasoned objection)
- सशर्त विरोध (qualified opposition)
- अस्थायी स्वीकृति (tentative acceptance)
- सशर्त सहमति/स्वीकृति (qualified endorsement)
- तर्कसंगत संशोधन (judicious modification)
- सवाधानीपूर्वक प्रचार (cautious propagation)
- भावनात्मक गठबंधन (impassioned espousal)
- गर्वपूर्ण पितृत्व (proud parenthood)
10. अंधभक्तिपूर्वक प्रचार (dogmatic propagation)
अतः इन चरणों को पार करके पेपरलेस कार्यालय की अवधारणा को आगे बढ़ाना होगा। कार्यालय प्रमुख को इनसे निपटने की नीति बनानी होगी।
नीति निर्धारण
1. सबसे पहले विभाग/संस्था के वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात के लिए तैयार कराना होगा कि कंप्यूटरीकरण ज़रूरी है। विभाग/संस्था के वरिष्ठ अधिकारी कंप्यूटर ले तो लेते हैं परंतु उसे शोभा की वस्तु समझ कर रखते हैं। उसका उपयोग नहीं करना चाहते हैं,, उनके लिए टाइपिस्ट होते हैं, स्टेनोग्राफ़र होते हैं। अतः उनकी मानिसकता बदलने के लिए उनके लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था पहले हो तथा उन्हें कंप्यूटर ऑपरेट करने तथा अपना काम कंप्यूटर पर करने के लिए तैयार करना होगा।
2. संस्था के स्तर पर यह निर्णय करना होगा कि पेपरलेस कार्यालय की प्रक्रिया में पहला चरण क्या हो? उसके बाद प्राथमिकता के आधार पर एक एक क्षेत्र को पेपरलेस बनाया जाए।
3. पेपरलेस कार्यालय के लिए कुछ हार्डवेयर/सॉफ़्टवेयर भी लेने होंगे। अतः उनके हार्डवेयर/ सॉफ़्टवेयर के बारे में एक्सपर्ट समिति बनाकर शीघ्रता से निर्णय करना होगा।
4. प्रारंभ में कुछ कार्यों की आउटसोर्सिंग भी करना पड़ सकता है। अतः उसके बारे में निर्णय करना और नीति निर्धारित करना होगा।
5. नई प्रक्रिया के प्रारंभ होने के साथ ही स्टाफ़ सदस्यों के पुनर्नियोजन की भी आवश्यकता हो सकती है।
कार्यान्वयन
कार्यान्वयन के स्तर पर आने पर पता चलेगा कि पेपरलेस कार्यालय का अर्थ कागज़ रहित कार्यालय कतई नहीं है। पेपरलेस कार्यालय का अर्थ है जानकारी के भंडारण के लिए पुरातन माध्यमों के बदले नए उच्च विशेषीकृत डिजिटल माध्यमों का उपयोग। परंतु जहाँ आवश्यक है वहाँ पर तो कागज़ी दस्तावेज़ रखने ही पड़ेंगे। अतः भंडारण माध्यमों (स्टोरेज मीडिया) के लिए आधुनिक हार्ड डिस्क, चिप्स, टेप आधारित माध्यमों का उपयोग करना ही पेपरलेस कार्यालय की अवधारणा है। पिछले लगभग तीस सालों से पेपरलेस कार्यालय का सिलसिला शुरू हुआ है और आज भी पेपरलेस कार्यालय की अवधारणा को अपनाने के लिए औचित्य बताना पड़ रहा है तथा इसे अपनाने पर ज़ोर देना पड़ रहा है। हमारे देश में तो ऐसा कोई कार्यालय नहीं है जिसने पूर्ण पेपरलेस कार्यालय का मज़ा चखा हो अथवा लाभ लिया हो और जिसे पूर्ण पेपरलेस कार्यालय का दर्जा दिया जा सके। परंतु जिन कार्यालयों या संगठनों में पेपरलेस कार्यालय की अवधारणा को अपना लिया गया है उनकी कार्यक्षमता में अत्यधिक सुधार आया है और समय पर तथा परिशुद्धतापूर्वक ग्राहक सेवा देना संभव हो गया है। इंटरनेट के विकास वर्ल्ड वाइड वेब की सुविधा तथा इसकी क्षमता से लोग अब परिचित हो रहे हैं। इस पर उपलब्ध जानकारी के भंडार ने दूरी और समय की सीमाओं को खत्म कर दिया है। अतः इस प्ररिप्रेक्ष्य में पेपरलेस कार्यालय के लिए प्रयास करना होगा तथा संस्थाओं को अपने स्तर पर कार्यान्व्यन की नीति निर्धारित करना होगा।
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बेहतरीन प्रस्तुति । मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । नव वर्ष -2012 के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ ।
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