शनिवार, जनवरी 15, 2011

साइबर अपराध और एकल उपयोग पासवर्ड (OTP) प्रणाली


क्रेडिट कार्ड फ़्रॉड, ऑन लाइन लेनदेन में बढ़ती धोखाधड़ी (फ़्रॉड) पर अंकुश लगाने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने सभी वित्तीय संस्थाओं को 2009 में मार्गदर्शी निदेश जारी किए थे कि 1 जनवरी 2011 से ओटीपी नामक नई सुरक्षा प्रणाली अपनाना अनिवार्य होगा। इस प्रणाली के तहत बैंक ऐसा पासवर्ड जारी करेगा जो आधे घंटे से लेकर दो घंटे तक वैध रहेगा और उसका केवल एक ही बार उपयोग किया जा सकेगा। नियत समय में यदि उपयोग नहीं किया जाएगा तो वह पासवर्ड समाप्त हो जाएगा अथवा यदि एक बार उसका उपयोग कर लिया जाएगा तो दुबारा उसका उपयोग नहीं किया जा सकेगा। अतः इसे ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) नाम दिया गया है। इसे हिंदी में 'एकल उपयोग पासवर्ड' कहा जा सकता है। एकल उपयोग पासवर्ड 6 अंकों का पासवर्ड होगा जो मोबाइल द्वारा किए जाने वाले लेनदेन की प्रामाणिकता की जाँच करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। प्रत्येक लेनदेन के लिए हर बार नया पासवर्ड लेना पड़ेगा। बैंकों ने रिज़र्व बैंक से अनुरोध किया कि यह अवधि बढ़ा दी जाए। बैंकों के अनुरोध के मद्देनज़र रिज़र्व बैंक ने वह अवधि 31 जनवरी 2011 तक बढ़ा दी है, अर्थात् 01 फ़रवरी 2011 से मोबाइल द्वारा इंटरैक्टिव आवाज़ प्रतिक्रिया प्रणाली (आईवीआर) से किए जाने वाले लेनदेन की प्रामाणिकता की जाँच करने के लिए 'एकल उपयोग पासवर्ड' लेना और उसका उपयोग अनिवार्य होगा।       

रविवार, जनवरी 09, 2011

तड़ित पात (फ़्लैश क्रैश)


हर भाषा में शब्द निर्माण के नियम होते हैं। उन्हीं के आधार पर आवश्यकतानुसार नए शब्दों की रचना की जाती है और उन पर अर्थारोपण करके उन्हें प्रचलन में डाल दिया जाता है। शब्द निर्माण के वे उपकरण हैं- धातु (verbal root), प्रत्यय (suffix), उपसर्ग (prefix) और समास प्रक्रिया। सामान्य 'शब्द' और 'पारिभषिक' शब्द में अंतर होता है। शब्द सामान्य और व्यापक अर्थ देने वाला होता है जबकि पारिभाषिक संकुचित और विनिर्दिष्ट अर्थ देने वाला होता है जो विषय के संदर्भ में प्रयुक्त होता है। शब्द में धातु एक ही होती है और उसमें उपसर्ग तथा प्रत्यय कई हो सकते हैं, जैसे, सांप्रदायिक। इसमें सम्, प्र दो उपसर्ग दा धातु, घञ् और इक प्रत्ययों का उपयोग किया गया है। पहले प्र उपसर्ग, दा धातु और घञ् प्रत्यय से 'प्रदाय' शब्द बनाया गया जिसे 'उपहार' या 'भेंट' देने के अर्थ देने वाला माना गया, अर्थात् इस पर इन अर्थों को चिपकाया गया। इसके बाद 'सम्' उपसर्ग लगाकर 'संप्रदाय' शब्द बनाया गया और इसे किसी विशेष समूह को व्यक्त करने का अर्थ देने वाला बताया गया। बाद में इसमें, विशेषण शब्द बनाने के लिए 'इक' प्रत्यय लगाकर सांप्रदायिक शब्द बनाया गया जिसे आजकल अंग्रेज़ी भाषा में प्रयुक्त Communal शब्द का पर्यायी बनाया गया। इक प्रत्यय लगाने पर शब्द के आदि स्वर की वृद्धि हो जाती है। संप्रदाय> सांप्रदायिक बना। 

शब्द बनाना का दूसरा उपकरण है 'समास प्रक्रिया'। आजकल इस प्रक्रिया का अधिक उपयोग किया जा रहा है। समास प्रक्रिया में दो भिन्न शब्दों को जोड़कर या एक के बाद दूसरा रखकर एक नई अभिव्यक्ति या शब्द बना दिया जाता है और उस पर नया अर्थ या संकल्पना चिपका दी जाती है। इस प्रक्रिया से बनी अभिव्यक्ति या शब्द यातो दोनों या प्रयुक्त सभी शब्दों के अर्थों को व्यक्त करता है अथवा उन शब्दों के परे किसी और ही अर्थ या संकल्पना को व्यक्त करता है, 'रेड हेरिंग सूचीपत्र'। इसे बहुब्रीहि समास कहते हैं। इसी प्रक्रिया से बना है "फ़्लैश क्रैश"

फ़्लैश क्रैश अभिव्यक्ति अंग्रेज़ी भाषा में प्रयुक्त दो शब्दों के योग से बनी है। फ़्लैश का मतलब होता है बहुत तेज़ी से प्रकाश देकर बंद हो जाना और क्रैश का मतलब होता है टुकड़े-टुकड़े होकर बिखर जाना। व्यापार जगत में शेयर बाज़ार में एकबैग बहुत तेज़ गिरावट, जैसे कि 6 मई 2010 को अमरीका के शेयर बाज़ार में तीव्र गिरावट आई और 'डो जोन्स औद्योगिक औसत' 900 प्वाइंट का गोता लगा गया, हालांकि वह कुछ ही मिनटों में ऊपर चढ़ गया। उस गिरावट को 'फ़्लैश क्रैश' कहा गया। अतः इस अभिव्यक्ति को हिंदी में "तड़ित पात" कहें तो कैसा रहेगा। 'तड़ित' का मतलब है आसमान में चमकने वाली विद्युत और 'पात' का मतलब गिरावट। यानी कि अति तीव्र गति से गिरावट, अर्थात् 'फ़्लैश क्रैश'। कोई बेहतर सुझाव हो तो बताएं।       

क्या रुपए का नया प्रतीक क्षेत्रीयता का परिचायक है?