शब्द निर्माण, नामकरण की प्रक्रिया है। जब कोई नई अवधारणा या संकल्पना मूर्त रूप ले लेती है तो उसकी पहचान का प्रश्न उत्पन्न होता है। अतः उस मूर्त रूप को कोई न कोई नाम दिया जाता है जिससे उसे संबोधित किया जाता है। आमतौर, पर उदाहरण लें तो जन्म के 21 दिन उपरांत शिशु का नामकरण किया जाता है और फिर उसे उसी नाम से संबोधित किया जाता है। नामकरण का आधार उस संकल्पना या अवधारणा का गुण-धर्म होता है, अर्थात्, वह मूर्त वस्तु क्या काम करती है? उसका क्या प्रभाव होता है? आदि। शिशु के नामकरण में हम उन गुणों को आरोपित करके कोई सार्थक शब्द या शब्द युग्मों का उपयोग करते हैं। कभी अति अप्रचलित शब्दों का उपयोग किया जाता है तो कभी प्रचलित। कभी एक ही भाषा के एक शब्द का उपयोग किया जाता है तो कभी एक ही भाषा के दो शब्दों का उपयोग किया जाता है तो कभी दो अलग अलग भाषाओं के शब्दों का। जब दो शब्दों का उपयोग करके एक नाम (संज्ञा) दिया जाता है तो उस नामकरण की प्रक्रिया को समास प्रक्रिया कहा जाता है। कामता प्रसाद गुरु के अनुसार दो या अधिक शब्दों का परस्पर संबंध बताने वाले शब्दों से बनने वाले स्वतंत्र शब्द को "सामासिक" शब्द और उस प्रक्रिया को "समास" कहते हैं।
गुरुवार, अप्रैल 07, 2011
शब्द निर्माण – समास प्रक्रिया का उपयोग – सेल्स मानव/बिक्रीमानव
शब्द निर्माण, नामकरण की प्रक्रिया है। जब कोई नई अवधारणा या संकल्पना मूर्त रूप ले लेती है तो उसकी पहचान का प्रश्न उत्पन्न होता है। अतः उस मूर्त रूप को कोई न कोई नाम दिया जाता है जिससे उसे संबोधित किया जाता है। आमतौर, पर उदाहरण लें तो जन्म के 21 दिन उपरांत शिशु का नामकरण किया जाता है और फिर उसे उसी नाम से संबोधित किया जाता है। नामकरण का आधार उस संकल्पना या अवधारणा का गुण-धर्म होता है, अर्थात्, वह मूर्त वस्तु क्या काम करती है? उसका क्या प्रभाव होता है? आदि। शिशु के नामकरण में हम उन गुणों को आरोपित करके कोई सार्थक शब्द या शब्द युग्मों का उपयोग करते हैं। कभी अति अप्रचलित शब्दों का उपयोग किया जाता है तो कभी प्रचलित। कभी एक ही भाषा के एक शब्द का उपयोग किया जाता है तो कभी एक ही भाषा के दो शब्दों का उपयोग किया जाता है तो कभी दो अलग अलग भाषाओं के शब्दों का। जब दो शब्दों का उपयोग करके एक नाम (संज्ञा) दिया जाता है तो उस नामकरण की प्रक्रिया को समास प्रक्रिया कहा जाता है। कामता प्रसाद गुरु के अनुसार दो या अधिक शब्दों का परस्पर संबंध बताने वाले शब्दों से बनने वाले स्वतंत्र शब्द को "सामासिक" शब्द और उस प्रक्रिया को "समास" कहते हैं।
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आपने बिल्कुल सही कहा है कि राजभाषा बन जाने और प्रौद्योगिकी का समर्थन मिल जाने के कारण हिंदी का क्षेत्र बहुत व्यापक हो गया है। सार्वभौमिक स्तर पर एकरूपता हो और मानकता भी बनी रहे इसलिए व्याकरणिक नियमों का पालन आवश्यक है।
जवाब देंहटाएंआपने बिल्कुल सही कहा है, व्याकरणिक नियमों का पालन आवश्यक है। धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंm satisfied frm it...!! thankz a ton
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