जब कोई शेयर या डिबेंचर गिरवी रखकर बैंक से ऋण लेते हैं या कोई और प्रतिभूति गिरवी रखकर ऋण लेते हैं तो बैंक उसके बाज़ार मूल्य का आकलन करता है। उसके बाद उसके बाज़ार मूल्य में कुछ कटौती करके शेष राशि के बराबर ऋण दे देता है। अतः प्रतिभूति के मूल्य और ऋण के बीच के अंतर की राशि को हेयरकट कहा जाता है। इसकी शुरुआत अमरीका में हुई जहाँ पर सब प्राइम दर पर (अधिक ब्याज दर) ऋण देने से समस्या उत्पन्न हुई। हेयरकट शब्द तो सामान्य शब्द ही है। जब कोई बाल कटाने जाता है तो हेयर ड्रेसर थोड़ा-थोड़ा बालकाटकर उसे छोटा कर देता है। यदि हेयरकट वित्त प्रणाली का हिंदी पर्याय चाहिए ही तो इसे 'कतरब्योंत वित्त प्रणली' कहा जा सकता है। आपका क्या ख्याल है?
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