मंगलवार, नवंबर 09, 2010

बाहर के लोग यही जानते हैं

बाहर के देश के लोगों को यह मालूम है कि भारत की राजभाषा हिंदी है परंतु अंग्रेज़ी से काम चल जाता है। लेकिन भारत प्रवास के दौरान एक-दो जुमला हिंदी का भी बोलने का प्रयास करते हैं जैसा कि बराक ओबामा ने "बहुत धन्यवाद, दिवाली मुबारक"। हमारे नेताओं को ऐसा करने का मौका ही नहीं मिलता है क्योंकि इन्हें अंग्रेज़ी आती है जिससे देश में तो काम चलता ही है विदेश जाने पर भी कोई कठिनाई नहीं होती है। हमारे नेताओं को कहीं भी हिंदी बोलने में फ़ख़्र महसूस होना चाहिए परंतु ऐसा होता नहीं।  क्या हमें यह ग़लत फ़हमी है कि भारत में सर्वत्र अंग्रेज़ी समझी जाती है?
फिछले सप्ताह आंध्र प्रदेश व कर्नाटक की यात्रा पर था। यात्रा सड़क मार्ग से की गई और ऐसे लोगों के साथ बात-चीत की गई जिन्हें अंग्रेज़ी तो आती नहीं थी साथ ही हिंदी का भी नगण्य ज्ञान था। उन्हें अन्य राज्य से सटे राज्य की भी भाषा नहीं आती है। ऐसे में भारत में दो भिन्न भाषा भाषी व्यक्ति के साथ संवाद कैसे हो?
इस बारे में आपकी राय जानना चाहता हूं।

क्या रुपए का नया प्रतीक क्षेत्रीयता का परिचायक है?