यह वास्तविकता है कि 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक का समय वर्ष कहलाता है और यह पूरे विश्व में एकरूप ढंग से मनाया एवं उपयोग में लाया जाता है। हर भारतीय चाहे वह कश्मीर का हो या कन्याकुमारी का, कच्छ का हो या मेघालय का इन्हीं महीनों के नाम और तारीखों के अनुसार अपना दैनिक कार्य कर रहा है। परंतु धार्मिक अनुष्ठानों के लिए विक्रमी संवत् की तिथियों का अनुसरण करता है साथ ही तदनुसार ग्रेगेर्गियन कैलेंडर की तारीखों में परिवर्तित कर लेता है ताकि कैलेंडरों की अनेक रूपता के कारण भ्रम न हो जाए। हमारा पड़ोसी देश, पाकिस्तान दिवस 23 मार्च यानि चैत्र की दूसरी तारीख को, चाँद देखकर, मनाता है।
भारत सरकार का सरकारी कैलेंडर वर्ष हर साल 22 मार्च से प्रारंभ होता है जिस दिन चैत्र का पहला दिन होता है। इसे शक संवत् कहा जाता है। इस कैलेंडर की 'शुरुआत कैलेंडर सुधार समिति', जिसके अध्यक्ष थे वैज्ञानिक सांसद मेघनाथ साहा (1956), ने भारतीय दिन गणना की प्रणाली और नौवहन पंचांग के विचार से 1957 में किया था। इसलिए भारत सरकार के सभी पत्रों में भारत के राजपत्र, आकाशवाणी के प्रसारणों में, भारत सरकार द्वारा जारी कैलेंडरों में और जनता के साथ किए जाने वाले समस्त संप्रेषणों में इसका उल्लेख अनिवार्य है।
इसमें और भी ज्योतिषीय आंकड़े शामिल किए गए हैं ताकि एकरूपता रखते हुए हिंदुओं का धार्मिक कैलेंडर बनाया जा सके। परंतु इसके बावज़ूद स्थानीय विभिन्नताओं के कारण 'सौर सिद्धांत' भी प्रचलन में है। शक संवत् 22 मार्च 1957 को 1 चैत्र 1879 से प्रारंभ हुआ। दोनों में 78 साल का अंतर है। चैत्र का महीना 30/31 दिन का होता है। लीप वर्ष में 31 दिन का वरना 30 दिन का होता है। जिस साल लीप वर्ष होगा अंग्रेज़ी वर्ष की शुरुआत 21 मार्च से होगी। पहले छह महीने 31 दिन के होते हैं और बाद के छह महीने 30 दिन के। शक संवत् की शुरुआत क्रिश्चिएन संवत् के 78वें वर्ष में कुषाण राजा कनिष्क ने की थी।
ग्रेगेर्गियन कैलेंडर और शक संवत् कैलेंडर की तुलनात्मक सारणी
क्रमांक | माह | दिन | प्रारंभ तारीख |
1 | चैत्र | 30/31 | मार्च 22 |
2 | वैशाख | 31 | अप्रैल 21 |
3 | ज्येष्ठ | 31 | मई 22 |
4 | आषाढ़ | 31 | जून 22 |
5 | श्रावण | 31 | जुलाई 23 |
6 | भाद्र | 31 | अगस्त 23 |
7 | आश्विन | 30 | सितंबर 23 |
8 | कार्तिक | 30 | अक्तूबर 23 |
9 | अग्रहायण | 30 | नवंबर 22 |
10 | पौष | 30 | दिसंबर 22 |
11 | माघ | 30 | जनवरी 21 |
12 | फाल्गुन | 30 | फरवरी 20 |
उपयोगी जानकारियां हैं, धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंअति उत्तम है। सधन्यवाद,
जवाब देंहटाएंबड़ी उपयोगी जानकारी.
जवाब देंहटाएं