रविवार, जुलाई 31, 2011

इन्स्क्रिप्ट/हिंदी ट्रेडिशनल कीबोर्ड - ज़्यादा वैज्ञानिक और मान्य टाइपिंग ले आउट

इन्स्क्रिप्ट शब्द इंडियन + स्क्रिप्ट से बना है जिसका मतलब है मन्य, मानक भारतीय लिपियाँ। इन लिपियों में कंप्यूटर पर टाइपिंग करने या किसी इलेक्ट्रॉनिक युक्ति (डिवाइस) से लिखना (टाइप) करना। क्वेर्टी कीबोर्ड पर से भारतीय लिपियों में टाइप करने के लिए टाइप फ़ेस सेट किए गए थे। प्रारंभ में रेमिंगटन और गोदरेज कंपनियों ने टाइप राइटर बनाना शुरू किया इसलिए उन्होंने अपने नाम पर ही कीबोर्ड लेआउटों के नाम रखे, जैसे, रेमिंगटन और गोदरेज। आज भी इन्हीं नामों से लेआउट उपयोग में लाए जा रहे हैं परंतु जिस प्रकार क्वेर्टी कीबोर्ड के आविष्कारक, क्रिस्टोफ़र लोथम शोल्स (1868) ने लैटिन वर्णों को एक नियमबद्ध क्रम में नियत किया था भारतीय लिपियों में टाइप करने के लिए उस प्रकार की वैज्ञानिक रीति का अनुसरण न करके बेतरतीब कीबोर्ड बना दिया गया जिसे सीखने के लिए बहुत समय लगाना पड़ता था। इसके अलावा मेकैनिकल टाइप राइटर में 45 कुंजियों की सीमा होने के कारण शुद्धता से टाइप करना भी मुश्किल होता था।
कंप्यूटर के आगमन के बाद, विश्व की सभी भाषाओं, अंग्रेज़ी के सिवाय, के लिए अलग-अलग अनेक की बोर्ड बनाए गए जिनका आधार था क्वेर्टी कीबोर्ड। कंप्यूटर प्रौद्योगिकी में नित नए अनुसंधान तथा विकास के बाद जब कंप्यूटर का आगमन भारत में हुआ तो भारतीय भाषाओं में काम करने, पुस्तकें/पत्रिकाएँ प्रकाशित करने के लिए कंप्यूटर द्वारा उनके पाठ भारतीय भाषाओं में तैयार करने की आवश्यकता पड़ी। अतः पेजमेकर, वेचुरा, क्वार्क आदि प्रकाशन विशिष्ट सॉफ़्टवेयर उपयोग में लाए जाने लगे और उनमें एटीम फ़ॉन्टों का इस्तेमाल होने लगा जो पोस्ट स्क्रिप्ट फ़ॉन्ट होते थे। उसके बाद टीटीएफ़ फ़ॉन्टों का ज़माना आ गया और प्रकाशनों के लिए विभिन्न डिज़ाइन और आकार के फ़ॉन्ट बनाए गए। अंग्रेज़ी के लिए तो हर प्रकार के फ़ॉन्टों को मिलाकर कुल गिनती एक लाख तक पहुंच जाती है। फिर भी समस्या बनी रही क्योंकि वे फ़ॉन्ट गैर यूनीकोड फ़ॉर्मैट वाले थे जो अपने ही परिवेश में काम कर सकते थे। इसके बाद ज़माना आया यूनीकोड को। इसके बाद एक कंप्यूटर पर बना डॉक्यमेंट दूसरे कंप्यूटर पर पढ़ना संभव हो गया। लेकिन यूनीकोड आने के बाद लोगों की मानसिकता में परिवर्तन उस गति से नहीं आया जिस गति से आना चाहिए था। लोग अपनी ही शर्तों पर अंग्रेज़ी क्वेर्टी कीबोर्ड द्वारा ही भारतीय भाषाओं में टाइप करने की सहूलियत की माँग करने लगे और अपना माल बेचने की ग़रज़ू कंप्यूटर कंपनियों ने कीबोर्डों के अनेक लेआउट बना कर अराजकता की स्थिति पैदा कर दी। लोग नया सीखने के बजाय अपनी सहूलियत तथा शर्तों पर अड़े रहे जिसकी वजह से टाइपराइटर रेमिंगटन, टाइपराइटर गोदरेज, टाइपराइटर फ़ेसिट, टाइपराइटर (गेल), टाइपराइटर (सीबीआई), फ़ोनेटिक, ट्रांसलिटरेशन, ऐंग्लोनागरी, कृतिका देवनागरी, हिंदी वेबदुनिया, दैनिक जागरण आदि लेआउट बन गए। अतः अपनी डफ़ली अपना राग, एक विकराल समस्या जिसका समाधान आसान नहीं दिखता है।
इतने पर ही समस्या का सृजन स्थगित नहीं हुआ। सभी वेबसाइटों के निर्माताओं ने अपने उत्पाद को लोकप्रिय बनाने तथा प्रचलित करने के लिए अपने-अपने टाइपिंग टूल बना दिए और अपने एडिटर में जोड़ दिए। नतीज़ा यह हुआ कि यदि उनके सिस्टम में कोई खराबी आ जाए तो उसका उपयोग करना संभव नहीं होता है जैसा कि अभी गूगल के ब्लॉगर के साथ हुआ और जो लोग उसके आदती थे उनके लिए हिंदी टाइपिंग असंभव हो गया। इसके विपरीत जो लोग आईएमई का प्रयोग करते थे या इन्स्क्रिप्ट में टाइपिंग करते थे उनके लिए कोई कठिनाई नहीं हुई। अतः भारतीय भाषाओं में यूनीकोड में टाइपिंग के लिए सबसे अच्छा और स्वयंपूर्ण लेआउट हिंदी ट्रेडिशनल या इन्स्क्रिप्ट है।
इन्स्क्रिप्ट लेआउट 1986 में सीडैक द्वारा भारत सरकार के निदेशानुसार मानकीकृत किया गया था और 2008 में, सभी भारतीय भाषाओं के लिए समान और विस्तारित लेआउट बना दिया गया है जिसमें काम करना बहुत आसान और याद करना भी उतना ही आसान है क्योंकि यह एक निश्चित नियम पर आधारित है। यद्यपि इसे और सरल और वैज्ञानिक बनाया जा सकता है जो हिंदी की वर्णमाला के अनुरूप हो तथा प्रमुख विराम चिह्न एवं स्पेशल चिह्न, जैसे, !@#$%^* ?/। और संख्याएँ 1234567890 अंग्रेज़ी मोड में गए बिना ही टाइप किए जा सकें। ऐसा प्रयास राजभाषा विकास परिषद द्वारा किया गया है परंतु इसे भारत सरकार का समर्थन मिलना और इन्स्क्रिप्ट में इसके अनुसार संशोधन करना राजभाषा विभाग की सोच तथा कार्रवाई पर निर्भर करता है। फिर भी आज की तारीख में सबसे ज़्यादा वैज्ञानिक और मान्य टाइपिंग ले आउट इन्स्क्रिप्ट/हिंदी ट्रेडिशनल है और इसे अपनाने की ज़रूरत है।
इसके लिए टाइपिंग की मदद हेतु ऑन स्क्रीन कीबोर्ड की व्यवस्था है जिसका उपयोग किया जा सकता है – Start>All Programs>Accessaries>Accesbility>on-screen keyboard ।
********

4 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छी जानकारी है.इस का प्रयोग अभी तक किया नहीं.विराम चिन्हों के अतिरिक्त यूनिकोड में हलंत लगाने की भी समस्या रहती है.

    जवाब देंहटाएं
  2. एक महत्त्वपूर्ण आलेख! बाजार में यदि हिंदी के साथ इन्स्क्रिप्ट की बोर्ड भी मिलने लगें तो क्या कहने।

    जवाब देंहटाएं
  3. मनोज जी, टीवीएस के इन्स्क्रिप्ट कीबोर्ड बाज़ार में बहुत पहले से उपलब्ध हैं, संभवतः जानकारी के अभाव में इनकी उपलब्धता और बिक्री बहुत कम होती है। वैसे, इन्स्क्रिप्ट कुंजीपटल का लेआउट इतना आसान है कि थोड़ा अभ्यास हो जाने पर कीबोर्ड पर उत्कीर्ण वर्ण चिह्न आदि देखने की ज़रूरत बिल्कुल नहीं पड़ती। इंटरनेट पर इनका लेआउट उपलब्ध है, उसका प्रिंट आउट लेकर कुछ दिन अभ्यास कर लेने के बाद आपको इसे कभी देखने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। यदि आवश्यकता हो तो आप इन्स्क्रिप्ट कीबोर्ड नई दिल्ली में नेहरू प्लेस से खरीद सकते हैं या शायद अग्रिम राशि भेजकर डाक से भी मंगवा सकते हैं। पता और मूल्य आदि की जानकारी निम्नप्रकार है -
    TVS Champ - INSCRIPT bilingual Hindi keyboard (Rs 450/-) membrane
    TVS Gold - INSCRIPT bilingual Hindi keyboard (Rs 1550/-) mechanical-keys

    Shop:
    Kuldeep Bansal (9810176026)
    Micro Peripherals,
    301, 3rd floor, Bajaj House,
    Nehru Place,
    New Delhi 110019.

    कृपया ध्यान दें कि टीवीएस कंपनी या इसके किसी विक्रेता से मेरा कोई संबंध नहीं है। यह जानकारी कंप्यूटर और इंटरनेट पर हिंदी के प्रचार प्रसार के हित में इंटरनेट से प्राप्त की गई है। मैं गूगल पर इन्स्क्रिप्ट यूज़र ग्रुप का सदस्य हूँ और यदि आप दिल्ली या नोएडा के आसपास हों तो इस नाते मैं आपको इन्स्क्रिप्ट लेआउट में टाइप करने का प्रशिक्षण निःशुल्क दे सकता हूँ।
    - चन्द्र मोहन रावल

    जवाब देंहटाएं
  4. मैं इंस्क्रिप्ट में हिन्दी लिखना सीखना चाहता हूँ। सहायता कीजिए। अभी तो हिन्दी राइटर से लिखता हूँ। हालांकि गति अच्छी है लेकिन हर जगह हिन्दी राइटर तो नहीं होता।

    जवाब देंहटाएं

क्या रुपए का नया प्रतीक क्षेत्रीयता का परिचायक है?