बुधवार, दिसंबर 29, 2010

'विश्व हिंदी दिवस' मनाने की प्रथा की शुरुआत


हर वर्ष कार्यालयों में हिंदी दिवस मनाया जाता है। यह सिलसिला 11 नवंबर 1953 में नागपुर में किए गए निर्णय के अनुसरण में 14 सितंबर 1954 से शुरू हुआ है और अनंत काल तक चलता रहेगा क्योंकि संविधान ने हिंदी को अंग्रेज़ी का स्थान लेने पर रोक लगा दी है और किसी भी एक राज्य को वीटो पावर दे दी है जब तक वह नहीं चाहेगा हिंदी अंग्रेज़ी का स्थान नहीं ले पाएगी। लेकिन हिंदी सेवी तो अपने कार्य में निरंतर लगे हुए हैं। इसी प्रकार नागपुर में ही 14 जनवरी 1975 को संकल्प पारित हुआ कि हर वर्ष 10 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाए। तब से हर साल विदेशों में, अपने दूतावासों में तथा अन्यत्र भी 'विश्व हिंदी दिवस'  मनाया जाता है। 37 देशों में हिंदी का प्रचलन हो चुका है और 110 विश्व विद्यालयों में हिंदी भाषा की शिक्षा दी जा रही है। परंतु हमारे देश के अनेक कार्यालयों में 'विश्व हिंदी दिवस' मनाने की प्रथा की शुरुआत अभी नहीं हुई है। इस पोस्ट द्वारा मैं सभी ब्लॉगर बंधुओं से अनुरोध करना चाहता हूं कि इस संदेश को यथा संभव प्रसारित किया जाए और आगामी 10 जनवरी को देश में तथा कार्यालयों में 'विश्व हिंदी दिवस' मनाने की प्रथा की शुरुआत हो।

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