राजभाषा विकास परिषद, नवंबर 2007 से बैंकों/पीएसयू/सरकारी कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करती आ रही है। परिषद का उद्देश्य समस्त कार्यालयी कार्यों में हिंदी के प्रयोग को बढ़ाने व विशेष रूप से कंप्यूंटर द्वारा हिंदी में करने के लिए प्रशिक्षण देना है। प्रथम चरण में मुख्य धारा के अधिकारियों तथा राजभाषा अधिकारियों के लिए अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रमों के दौरान सुझाव प्राप्त हुए हैं कि राजभाषा अधिकारियों के लिए ऐसे एकीकृत गहन विकास कार्यक्रम की आवश्यकता है जिसमें राजभाषा अधिकारियों को, राजभाषा अधिकारियों के कार्य (ड्यूटी) व राजभाषा के कार्यान्वयन से जुड़े समस्त पहलुओं को शामिल करते हुए पूर्ण रूप से कंप्यूटरीकृत महौल में काम करने का गहन प्रशिक्षण दिया जाए। इसके लिए एकीकृत गहन विकास कार्यक्रम (इंडक्शान) कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता है।
2. अतः राजभाषा विकास परिषद ने कार्यक्रम विकसित किया है और इसकी सूचना बैंकों/पीएसयू/सरकारी कार्यालयों को दी है। चूंकि यह कार्यक्रम अन्यू कार्यक्रमों की अपेक्षा अधिक समयावधि वाला होगा और उसमें विभिन्नक क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञ सत्रों का संचालन करेंगे इसलिए इसकी पूर्व योजना और परिषद को पूर्व सूचना आवश्यक होगी। हमारे अन्य कार्यक्रम पांच दिवसीय होते हैं। आपसे अनुरोध है कि यदि आपके नव नियुक्तव राजभाषा अधिकारी हों और उन्हें एकीकृत गहन विकास कार्यक्रम (इंडक्शनन) में शामिल कराना चाहते हों तो 31 मई 2010 तक देने की कृपा करें ताकि व्यकवस्था की जा सके। इस कार्यक्रम में, सहभागी संस्था के विशेष के कार्यों के अनुसार विशिष्ट विषयों को भी शामिल किया जा सकता है।
3. चूंकि यह कार्यक्रम यूनीकोड आधारित हिंदी माध्यतम से पूर्णतः पेपरलेस ऑफ़िस की संकल्पना को ध्यान में रखकर बनाया गया है इसलिए सभी सत्रों में कंप्यू्टर पर ही कार्य व प्रशिक्षण होंगे। इसलिए यह आवश्यक होगा कि इसमें भाग लेने वाले अधिकारी को टाइपिंग का आधारभूत ज्ञान हो। शब्दावली सर्च व निर्माण में कंप्यूपटर के उपयोग, सॉफ़्टवेयरों की डाउनलोडिंग, यूनीकोड की सेटिंग, अन्य नॉन स्टैंडर्ड कोडों में तैयार की गई टेक्सट फ़ाइलों को यूनीकोड में परिवर्तित करने और उसके उपरांत बिना किसी थर्ड पार्टी सॉफ़्टवेयर के बिना हिंदी में संपूर्ण कार्य करने का ऑन कंप्यूयटर प्रशिक्षण इस कार्यक्रम की अनोखी विशेषताएं होंगी। इस प्रशिक्षण के उपरांत कोई भी राजभाषा अधिकारी कंप्यूटर कॉम्पीटेंट बन कर जाएगा जो अपना सारा काम कंप्यूटर पर करने में न केवल सक्षम होगा बल्कि अन्य लोगों को भी प्रशिक्षण देने में कुशल होगा। यह समग्र विकास कार्यक्रम होगा जिसे 23 अगस्त से 03 सितंबर 2010 तक आयोजित करने का प्रस्ताव है।
4. अनुरोध है कि राजभाषा विभाग/अनुभाग/कक्ष के प्रभारी इस बारे में अपनी संस्था से संपर्क करके कार्यक्रम का पूरा लाभ लें।
(डॉ. दलसिंगार यादव)
निदेशक
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