tag:blogger.com,1999:blog-1711294389298500420.post4142724388854454781..comments2023-10-10T14:44:10.544+05:30Comments on राजभाषा विकास परिषद: संविधान और राजभाषा अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघनडॉ. दलसिंगार यादवhttp://www.blogger.com/profile/07635372333889875566noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-1711294389298500420.post-49102304958081515362016-08-27T23:11:42.815+05:302016-08-27T23:11:42.815+05:30मैंने राजभाषा संबंधी आदेशों की जानबूझकर अवहेलना एव...मैंने राजभाषा संबंधी आदेशों की जानबूझकर अवहेलना एवं राजभाषा अधिकारियों के साथ निष्पक्ष न्याय नहीं रखने के संबंध में राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है। अब 12 सितंबर, 2016 तक कोई कार्रवाई नहीं होने पर 14 सितंबर, 2016 को राजभाषा के सही कार्यान्वयन हेतु "हिंदी धरना दिवस" के रूप में गृहमंत्रालय के सामने धरना करना चाहती हूँ। कृपया इस मामले में मेरा मार्गदर्शन करें। Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13624261012940936399noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1711294389298500420.post-57658572089536638172016-08-27T23:06:34.244+05:302016-08-27T23:06:34.244+05:30राजभाषा के सही कार्यान्वयन हेतु आंदोलन शुरू करते ह...राजभाषा के सही कार्यान्वयन हेतु आंदोलन शुरू करते है। राजभाषा संबंधी आदेशों की जानबूझकर अवहेलना पर यदि दंड नहीं दे सकते है, तो रिपोर्ट के आंकड़ो में शतप्रतिशत अनुपालन का दिखावा तो बंद करवा ही सकते है। Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13624261012940936399noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1711294389298500420.post-52356006521914613552012-01-28T13:24:26.165+05:302012-01-28T13:24:26.165+05:30आपकी चिंता और प्रतिबद्धता बिलकुल सही है। एक भेड़चा...आपकी चिंता और प्रतिबद्धता बिलकुल सही है। एक भेड़चाल चल रही है। लोगों की आँखों पर अंग्रेज़ी के लिए अनसोचे मोह का चश्मा है। आपकी पीड़ा में हिंदी भाषी लोगों के अलावा शिक्षा के व्यवसाय में लगे धन लोलुप व्यवसायी भी शामिल हैं। व्याकारण की पढ़ाई को तो लोग अनावश्यक और नीरस मानते हैं। भाषा शिक्षकों को तीन हज़ार से पाँच हज़ार रुपए का वेतन देने वाले शिक्षा व्यवसायी उनके विकास और प्रशिक्षण पर एक पैसा भी अतिरिक्त नहीं खर्च करना चाहते हैं। अधिकतर अध्यापकों को ध्वनियों का आधारभूत ज्ञान ही नहीं है। नागपुर में हिंदी कुछ अध्यापकों से चर्चा की और पाया कि उन्हें प्रशिक्षण की महती आवश्यकता है। आपसे सहमत हूँ। व्याकरण शिक्षा के प्रति सभी को गंभीर होने की ज़रूरत है।डॉ. दलसिंगार यादवhttps://www.blogger.com/profile/07635372333889875566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1711294389298500420.post-25754900824112779642012-01-27T00:56:29.804+05:302012-01-27T00:56:29.804+05:30दुख तो इस बात का है कि हिन्दी की उपेक्षा हिन्दी-भा...दुख तो इस बात का है कि हिन्दी की उपेक्षा हिन्दी-भाषी ही बढ-चढकर कर रहे हैं । हायर सेकेण्डरी कक्षाओं को हिन्दी पढाते समय मैं जब उन्हें इ व ई की मात्रा या कहा व कहाँ में भेद बताते हुए एक पीडा से गुजरती हूँ उसके मूल में यही उपेक्षा है जो मुझे सर्वत्र दिखाई देती है । हिन्दी के उत्थान के लिये अब प्रतिबद्धता की आवश्यकता है ।गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1711294389298500420.post-44655336036683774452012-01-25T14:49:33.414+05:302012-01-25T14:49:33.414+05:30गणतंत्र दिवस के मौके पर संविधान का अपमान तो होना ह...गणतंत्र दिवस के मौके पर संविधान का अपमान तो होना ही चाहिए... ... मंशा तो संविधान निर्माताओं की वास्तव में अंग्रेजी चलाने की ही रही है... ... परसाई जी भी कहते हैं... लोहिया जी भी... ...चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.com