tag:blogger.com,1999:blog-1711294389298500420.post1118594530447411829..comments2023-10-10T14:44:10.544+05:30Comments on राजभाषा विकास परिषद: विजेता बनाम विजितडॉ. दलसिंगार यादवhttp://www.blogger.com/profile/07635372333889875566noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-1711294389298500420.post-90266369614720744262010-12-24T21:00:37.168+05:302010-12-24T21:00:37.168+05:30आदरणीय डॉ. दलसिंगार यादव जी
नमस्कार !
विजेत...<b><i>आदरणीय डॉ. दलसिंगार यादव जी </i></b> <br /> नमस्कार !<br /><br /><b>विजेता बनाम विजित </b> आलेख के लिए आभार ! <br />इन दिनों यह विषय गुणीजन में चर्चा का केन्द्र बना हुआ है । सचमुच बहुत गंभीर मामला है । <br /> <b> गोवा शिपयार्ड लिमिटेड का राजभाषा विभाग किस लिए अस्तित्व में है और राजभाषा अधिकारी किस काम की पगार पाते हैं ? </b> एक छोटे-से हिंदी शब्द का अर्थ जानने-बताने में वे असमर्थ और अनाड़ी सिद्ध होते हैं तो उनके बने रहने का कोई औचित्य ही नहीं । <br /><br /><b>… और एक हिंदी शब्द को समझने के लिए यदि हम अमरीकियों की शरण और अनुसरण को विवश हों तो इससे अधिक हास्यास्पद स्थिति क्या होगी ? </b> <br /><br />आपके अन्य लेख भी सराहनीय हैं ।<br /><br />वर्ष 2010 विदा वेला के सन्निकट है …<br /><b>~*~नव वर्ष 2011 के लिए हार्दिक मंगलकामनाएं !~*~</b> <br /> <br />शुभकामनाओं सहित<br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.com